Sree Vishnu Sahasranama Sthotram
विषणुम
धध:
शुकंणुंणं。。
पनवदनंनवदनंसवविघतये॥ तये॥
:
विषमययसोमुनिः। मुनिः।
छनदेवोदेवोदेवकीसुतः।।
अमृत
तमहृदयंयथेथेथेथे
विष
- विशं - ससयपपप
- विशविश: - ससववय
- : - - - यजयजवव
- : - भूत,भूत,व,व
- सृष –टिकटिक
- - सभी– सभीकलनकनेने
- भव (संस)केूपूपमें
- - सभीसभीजीवोंआतआत
- - सभीसभीजीवोंकककनेने
- -
- - ससचचआतआत
- मुकगतिःगतिःगतिःगतिःतअंतिम
- अवअव - अविनशी
- - शुषःठठपुठ
- - सषीषीषीषी
- - कञःञःषेतररकक
- अक ःःष(नन)
- योगः - योगसयोगसूप
- - योगियोंयोगियोंयोगियोंके
- - पपकृतिुषुषुषकेसस
((कृपयनदेंदेंणुसहसम हूं।)
यहंभिकंभिकउनकेउनकेथदिएदिए पूेममेंमेंमेंणुणुकेकेकेववववणनणनणनणनणनणनणन पूबहुतबहुततृतहैअधअधठठ यदिआपकोेेणुणुममठहिएहिए